मगध एक शक्तिशाली राज्य
छठी शताब्दी ई.पू. में मगध एक शक्तिशाली राज्य बनकर उभरा. इसे सर्वप्रथम हर्यक वंश के समय शक्तिशाली राज्य के रूप में माना जाने लगा था. इसके बाद इस पर शिशुनाग वंश, नन्द वंश तथा मौर्य वंश जैसे कुछ शक्तिशाली तथा महान वंशों नें शासन किया था. मगध पर शासन करने वाले कुछ महत्वपूर्ण वंश निम्न प्रकार हैं.
1. हर्यक वंश (544-412 ई.पू.)
मगध पर शासन करने वाला प्रथम महान वंश था. हर्यक वंश के कुछ महत्वपूर्ण शासक निम्न प्रकार हैं :
# बिम्बिसार :
- इसने हर्यक वंश की स्थापना की थी.
- इसकी राजधानी गिरिव्रज थी.
- इसका उपनाम श्रेणिक था.
- बिम्बिसार नें वैवाहिक सम्बन्धों से अपने साम्राज्य का विस्तार किया.
# अजातशत्रु :
- यह बिम्बिसार का पुत्र था.
- इसका उपनाम कुणिक था.
- यह बौद्ध धर्म का अनुयायी था.
- प्रथम बौद्ध महासंगीती का आयोजन आजातशत्रु के समय राजगृह में किया गया था.
# उदायिन :
- यह अजातशत्रु का पुत्र था.
- इसनें पाटलिपुत्र की स्थापना की थी.
# नागदशक :
- यह हर्यक वंश का अंतिम शासक था.
2. शिशुनाग वंश (412-344 ई.पू.)
- नागदशक को हराकर शिशुनाग नें मगध में शिशुनाग वंश की स्थापना की थी.
- इस वंश का अंतिम शासक नन्दिवर्धन था.
3. नन्द वंश (344-324 ई.पू.)
- इस वंश की स्थापना महापद्मनंद नें की थी.
- इस वंश का अंतिम शासक घननन्द था.
- वह सिकंदर का समकालीन था.
- इसने चाणक्य का अपमान किया था. जिसके बाद चाणक्य नें नन्द वंश को समूल नष्ट करने की प्रतिज्ञा की थी.
4. मौर्य वंश (321-184 ई.पू.)
यह मगध पर शासन करने वाला सबसे शक्तिशाली राजवंश था. चाणक्य की सहायता से चन्द्रगुप्त मौर्य नें नन्द वंश के अंतिम शासक घननन्द को हराकर मौर्य वंश की स्थापना की थी. मौर्य वंश के बारे में विस्तार से पढने के लिए यहाँ क्लिक करें
5. शुंग वंश
- इस वंश का संस्थापक पुष्यमित्र शुंग था.
- इसके समय भागवत धर्म के प्रसार का विवरण मिलता है.
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