भारतीय संविधान : प्रारम्भिक चरण
1764 : बक्सर का युद्ध
1773 ई. का रेग्युलेटिंग एक्ट :
- कलकता प्रेसीडेंसी - गवर्नर जनरल परिषद् के चार सदस्य
- कलकता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना
1784 ई. का पिट्स इंडिया एक्ट :
- दोहरे प्रशासन का आरम्भ हुआ.
- कोर्ट ऑफ़ डायरेक्टर्स - व्यापारिक मामले
- बोर्ड ऑफ़ कंट्रोलर्स - राजनीतिक मामले
1793 ई. का चार्टर अधिनियम :
- वेतन को भारतीय राजस्व से देने की बात कही गयी.
1813 ई. का चार्टर अधिनियम :
- कम्पनी के भारत के साथ व्यापार करने के एकाधिकार को छीन लिया गया. किन्तु उसे चीन के साथ व्यापर एवं पूर्वी देशों के साथ चाय के व्यापार में 20 वर्षों के लिए एकाधिकार प्राप्त रहा.
1833 ई. का चार्टर अधिनियम :
- बंगाल के गवर्नर को भारत का गवर्नर बनाया गया.
- विधि आयोग की नियुक्ति की गयी.
- कम्पनी का व्यापारिक अधिकार समाप्त कर दिया गया.
- कम्पनी का कार्य भारत पर शासन.
1853 ई. का चार्टर अधिनियम :
- कम्पनी में विभिन्न पदों को भरने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करने की व्यवस्था की गयी.
1858 ई. का चार्टर अधिनियम :
- भारत में मंत्रिपरिषद की व्यवस्था की गयी.
- पन्द्रह सदस्यों की भारत परिषद् का सृजन हुआ.
1861 ई. का भारत शासन अधिनियम :
- गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी परिषद् का विस्तार.
- विभागीय प्रणाली का आरम्भ.
- गवर्नर जनरल को पहली बार अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गयी.
- गवर्नर जनरल को बंगाल, उत्तर-पश्चिमी सीमा प्रान्त और पंजाब में विधान परिषद् की स्थापना करने की शक्ति प्रदान की गयी.
1892 ई. का भारत शासन अधिनियम :
- अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली की शुरुआत.
- इसके द्वारा राजस्व एवं व्यय अथवा बजट पर बहस करने तथा कार्यकारिणी से प्रश्न पूछने की शक्ति प्रदान की गयी थी.
1909 ई. का भारत शासन अधिनियम (मार्ले-मिंटो सुधार) :
- पहली बार मुस्लिम समुदाय के लिए पृथक् प्रतिनिधित्व उपलब्ध किया गया.
- भारतीयों की भारत सचिव एवं गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी में नियुक्ति की गयी.
1919 ई. का भारत शासन अधिनियम (मांटेग्यु-चेम्सफोर्ड सुधार) :
- केंद्र में द्विसदनात्मक विधायिका की स्थापना.
- प्रथम राज्य परिषद् - 60 सदस्य
- दूसरी केन्द्रीय विधानसभा - 145 सदस्य
- सामान अधिकार.
0 comments: