वर्द्धन वंश
गुप्तोत्तर काल में कई राजवंशों का उदय हुआ जिनमें वर्द्धन वंश भी महत्वपूर्ण है. वर्द्धन वंश की राजधानी
थानेश्वर थी. इस वंश में महान शासक हर्षवर्द्धन हुआ. हर्षवर्द्धन के बारे में जानकारी निम्न प्रकार है :
हर्षवर्द्धन
हर्षवर्द्धन 16 वर्ष की आयु में राजगद्दी पर बैठा.
उसने शिलादित्य की उपाधि ग्रहण की.
हर्षवर्द्धन नें अपनी राजधानी थानेश्वर से कन्नौज स्थानांतरित की थी.
हर्षवर्द्धन द्वारा रचित नाटक : नागानन्द, रत्नावली और प्रियदर्शिका.
बाणभट्ट, हर्षवर्द्धन का राजकवि था. उसने हर्षचरित की रचना की थी.
चीनी यात्री ह्वेनसांग, हर्षवर्द्धन के समय भारत आया था. उसने सी-यू-की की रचना की थी.
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