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चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics) की परिभाषा तथा क्षेत्र

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चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics)




सन् 1930 से पहले भौतिकी के अध्ययन क्षेत्र तथा प्रतिपादित सभी सिद्धांत चिरसम्मत भौतिकी कहलाते हैं. तथा इसके बाद के प्रतिपादित सिद्धांतों का अध्ययन जिस शाखा के अंतर्गत किया जाता है उसे आधुनिक भौतिकी कहा जाता है.
भौतिकी की परिभाषा (Read Here)


चिरसम्मत भौतिकी का कार्यक्षेत्र 


  • यांत्रिकी (Mechanics) : इसमें प्रकाश के वेग की तुलना में काफी कम वेग से गतिमान कणों की गति का अध्ययन किया जाता है. इसमें निम्न विषय शामिल किये जाते हैं.
    •  स्थैतिकी Statics (इसमें स्थिर वस्तुओं का अध्ययन किया जाता है.)
    • गतिकी Dynamics (इसमें गतिशील वस्तुओं का अध्ययन किया जाता है.)
    • तरल यांत्रिकी Fluid Mechanics (द्रव एवं गैस की गति का अध्ययन किया जाता है.)
    • वायु गतिकी Aerodynamics (हवा में उड़ने वाली वस्तुओं का अध्ययन)
  • उष्मागतिकी (Thermodynamics) : भौतिक विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत उष्मा ऊर्जा के प्रवाह तथा विनिमय का अध्ययन किया जाता है.
  • तरंग गति (Wave Motion) : तरंग किसी भी माध्यम में विक्षोभ के माध्यम से ऊर्जा के स्थानांतरण की प्रक्रिया है. इसका अध्ययन तरंग गति में किया जाता है.
  • प्रकाशिकी (Optics) : भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसमें प्रकाश तथा उसकी विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है प्रकाशिकी कहलाती है. प्रकाशिकी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है.
  • विद्युत चुंबकत्व (Electromagnetism) : इसमें स्थिर, गतिशील तथा त्वरित रूप से गतिशील आवेश तथा उससे उत्पन्न विद्युत् तथा चुंबकीय प्रभावों का अध्ययन किया जाता है.

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